नई दिल्ली । केंद्र सरकार हादसों के राष्ट्रीय राजमार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए 14 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों व जिला सड़कों के ब्लैक स्पॉट (सर्वाधिक दुर्घटनास्थल) को दुरुस्त करने की योजना में नए प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत दुर्घटनाएं बढ़ने पर अधिकारियों व ठेकेदारों की जवाबदेही तय कर दी गई है। वहीं, राज्य सरकरों को योजना लागत का 10 फीसदी धन सड़कें सुरक्षित करने के लिए खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि देशभर में 789 ब्लैक स्पॉट को चिन्हित किया गया था। इसमें 660 ब्लैक स्पॉट राष्ट्रीय राजमार्गों व 129 राज्यमार्गों पर हैं। मंत्रालय ने 2019 तक 526 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया और 134 को युद्ध स्तर पर दुरुस्त किया जा रहा है। दीर्घकालिक योजना के तहत इनमें समय व धन अधिक खर्च होगा। सुरक्षित राजमार्ग बनाने में विश्व बैंक व एडीबी बैंक से कुल 14000 करोड़ रुपये सरकार को सहयोग दिया गया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना निदेशकों (पीडी) व क्षेत्रीय अधिकारी (आरओ) ब्लैक स्पॉट योजना पर धन खर्च करने के अधिकार दिए गए हैं। पहली बार सड़क हादसों के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है। उनके क्षेत्र में सड़क हादसों की संख्या बढ़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। योजना से जुड़े ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया है। नए राष्ट्रीय राजमार्गों में नए ब्लैक स्पॉट बन जाते हैं। इनकी निगरानी करने के साथ ऐसे स्थलों को ठीक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र की ओर से राज्य सरकारों को हर साल केंद्रीय सड़क निधि से राज्य राजमार्गों के विकास के लिए धन आवंटन किया जाता है।
हाईवे को सुरक्षित बनाएगी मोदी सरकार